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Feb 5, 2011

Mo Ko Kahan

                                                                मोको  कहाँ 

मोको  कहाँ  धुन्ढेरे  बन्दे  मैं   तो  तेरे  पास  में
न  तीरथ  में , न  मूरत  में  न  एकांत  निवास  में
न  मंदिर  में , न  मस्जिद  में  न  काबे  कैलास  में
मैं   तो  तेरे  पास  में  बन्दे  मैं  तो  तेरे  पास  में
न  मैं  जप  में , न  मैं  तप  में  न  मैं  बरत  उपास  में
न  मैं   किरिया   कर्म  में  रहता  नहीं  जोग  सन्यास  में
नहीं  प्राण  में  नहीं  पिंड  में  न  ब्रह्माण्ड  आकाश   में
न  मैं   प्रकुति  प्रवर  गुफा  में  नहीं  स्वसन  की  श्वांस  में
खोजी  होए  तुरत  मिल  जाऊं  इक  पल  की  तलास  में
कहेत  कबीर  सुनो  भाई  साधो  मैं  तो  हूँ  विश्वास  में

--Kabirdas

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