क्यों कहते हो..
क्यों कहते हो मेरे साथ कुछ भी अच्छा नहीं होता,
सच ये है की जैसा चाहो वैसा नहीं होता,
कोई सह लेता है, कोई कह लेता है,
क्योंकि गम कभी ज़िन्दगी से बढ़कर नहीं होता..
आज अपनों ने ही सिखा दिया हमे,
यहाँ ठोकर देने वाला हर एक पत्थर नहीं होता,
क्यूँ ज़िन्दगी की मुश्किलों से हारे बैठे हो,
इसके बिना कोई मंजिल कोई सफ़र नहीं होता..
कोई तेरे साथ नहीं है तो भी गम न कर,
क्यूंकि 'खुद' से बढ़कर दुनिया में कोई हमसफ़र नहीं होता...
--Vijay Negi
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