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Sep 3, 2011

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कोई चाणक्य तो आये

हर चंद्रगुप्त को
मिलता कहाँ चाणक्य
कहाँ कोई धमनियों
को है बज्र बनाता
कौन द्रष्टा हैं यहाँ
ज्ञान के बाज़ार में
जो वर्तमान में विष्णुगुप्त बन आता
राष्ट्र है तभी तो, होगा राष्ट्रवाद
कौन ऐसा है गुरु , जो ये बात समझाता
विखंडीत नहीं देश मतभेद अनुचित
ये बात जो मनस में राजनेता के लाता
देश बाट जोहता कोई चाणक्य तो आये
उन्नत ललाट पर तिलक लगा जाए ..............

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